उत्तराखंड

29 वां अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव – गंगा किनारे विधिवत रूप से हुआ शुभारंभ

डीबीएल संवाददाता/ देहरादून/ ऋषिकेश

अंतरराष्ट्रीय योग फेस्टिवल के शुभारंभ के मौके पर प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने सभी संबोधित करते हुए कहा कि मुनिकीरेती व ऋषिकेश ऋषि मुनियों की भूमि होने के कारण योगनगरी के रूप में विश्व विख्यात जननी भी है। योग का महत्व मनुष्य के अन्दर की बुराइयों को समाप्त कर, अच्छी गतिविधियों को संचालित करना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को दुनिया में प्रचारित किया है, उसका संदेश भी दुनियाभर में जाएगा।

पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कोरोना काल में योग का काफी महत्वपूर्ण स्थान रहा है। निरंतर योग करने से कोई भी बीमारी नहीं आती है। योग प्रवचन या कथा नहीं, बल्कि प्रयोगात्मक कला है। जिसको करने से कोई भी बीमारी नजदीक तक नहीं आती है। उन्होंने कहा कि दुनिया की किसी भी दवाई में बीमारी का निदान नहीं है, उसका निदान तो योग में ही है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बताया कि योग की असली परिभाषा आत्मा का परमात्मा से मिलन करवाना है। योग समाधि की ओर भी ले जाता है। जिसको करने के लिए अपनी दिनचर्या में परिवर्तन करने की आवश्यकता है। गढ़वाल मंडल विकास निगम के अध्यक्ष महावीर सिंह रांगड ने कहा कि योग हमारी प्राचीन सभ्यता है। जिसके कारण आज देश ही नहीं दुनिया में योग के प्रति लोगों की जिज्ञासा बढ़ी है।

गढ़वाल मंडल के प्रबंध निदेशक डॉ आशीष चैहान ने बताया कि भारत सरकार व राज्य सरकार की कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन का पालन करते हुए सभी कक्षा व्यवस्थाएं की गई है। जिसके चलते अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में इस वर्ष 350 से अधिक साधकों ने अपना पंजीकरण कराया है। जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के टीवी कार्यक्रम मास्टर शेफ विजेता पंकज भदोरिया भी शामिल हो रहे हैं।

इस मौके पर गढ़वाल मंडल विकास निगम के उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंघल, नगर पालिका मुनिकीरेती के अध्यक्ष रोशन रतूड़ी, दर्जाधारी राज्यमंत्री करण वोहरा, विवेक चैहान अपर निदेशक, उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद, गुरु गोपाल दास आदि मौजूद रहे।

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