उत्तराखंड

उत्तरी कड़ाकोट क्षेत्र की समस्याओं को लेकर बुलंद करेंगे आवाज

देहरादून। उत्तरी कड़ाकोट कल्याण सेवा समिति की मासिक बैठक में कड़ाकोट क्षेत्र की समस्याओं को लेकर प्रदेश सरकार एवं शासन के समक्ष जोरदार तरीके से आवाज बुलंद करने का निर्णय लिया गया। इस मौके पर समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पलायन रोकना, लोगों की समस्याओं का निस्तारण करना और स्थानीय स्तर पर ही लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाना प्राथमिक तौर पर समिति के लक्ष्यों में शामिल है।

रविवार को नवादा में आयोजित हुई उत्तरी कड़ाकोट कल्याण सेवा समिति की बैठक में समिति के अध्यक्ष डीपी देवराड़ी ने कहा कि चमोली जिले के अंतर्गत प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर कड़ाकोट क्षेत्र प्रदेश की संस्कृति को प्रदर्शित करने वाला है। पर्यटन की दृष्टिकोण से यह क्षेत्र पूरी तरह से सम्पन्न होने के बावजूद विडंबनावश रोजगार, बिजली, पानी, शिक्षा स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव यहां के लोगों को पलायन करने को विवश कर रहा है।

उपाध्यक्ष मोहन सिंह नेगी ने कहा कि कड़ाकोट क्षेत्र से पलायन कर चुके राजधानी देहरादून एवं सूबे के अन्य स्थानों पर प्रवास कर रहे प्रवासीजनों को समिति के साथ माध्यम से जोड़कर प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ ही क्षेत्र की स्वच्छ परम्पराओं को प्रोत्साहित करने की मुहिम चलाई जाएगी। उन्होंने स्वरोजगार को बढ़ावा देने, कृषि एवं औद्यानिकी के माध्यम से आजीविका संवर्द्धन के लिए कार्य करने की रणनीति पर शीघ्र कार्य करन की बात भी कही।

सचिव प्रकाश रतूड़ी ने बैठक की कार्यवाही का संचालन करते हुए पिछली बैठक की कार्यवाही सभी सदस्यों के सम्मुख प्रस्तुत की। उन्होंने कलस्टर स्तर पर वैज्ञानिक तकनीकी के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाये जाने के दिशा में कार्य किए जाने का सुझाव दिया।

बैठक में समिति के राम सिंह नेगी, रश्मि देवराड़ी, कंचन देवराड़ी, यमुना नेगी, योगेश्वर प्रसाद देवराड़ी, कांता प्रसाद सती, बलवीर सिंह, पूरन सिंह नेगी, मनवर सिंह, जगदीश प्रसाद देवराड़ी आदि ने भी अपने सुझाव रखे।

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