उत्तराखंड

उत्तरा बहुगुणा प्रकरण: शिक्षिका ने कहा – नहीं करनी भ्रष्ट अधिकारियों के अधीन नौकरी!

डीबीएल संवाददाता/देहरादून। सूबे की शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा प्रकरण एक बार फिर से सुर्खियों में छा गया है। शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा ने सोसल मीडिया पर फिर से शिक्षा विभाग और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है भ्रष्टाचार की चक्की में पीसने के बाद मुझे ईमानदारी और अनुशासन पूर्वक नौकरी करने के बाद भी मुख्यमंत्री द्वारा सांत्वना देने के बजाए अपमानित किया जाता है। मेरे साथ-साथ मेरे बच्चों को भी आर्थिक हानि पहुंचाकर मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। उनका कहना है कि सरकार से ईमानदारी की उम्मीद मैं कर नहीं सकती और बेईमानी के आगे मैं झुक नहीं सकती। उनका यह भी कहना है कि अब वह भ्रष्ट अधिकारियों के अधीन नौकरी नहीं कर सकती हैं।

उत्तरा बहुगुणा ने फेसबुक पोस्ट में अपनी पीड़ा लिखी है। उनका कहना है कि शिक्षा विभाग उत्तरकाशी में 17 जुलाई 2018 को खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय नौगाँव में मेरी लिखित और मौखिक जाँच होने के बाद, मेरे द्वारा अपना पक्ष रखते हुए पच्चीस छब्बीस पत्र जाँच हेतु दिए गए थे, जो कि नौगाँव कार्यालय द्वारा दो दिन के बाद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय उत्तरकाशी को भेज दी गई थी। लेकिन छह माह बीत जाने के बाद उस पर कोई कार्रवाई किए बिना ही पहले उन्हें विभाग की ओर से नोटिस भेजे गए, और अब अखबार के माध्यम से नोटिस दिया जा रहा है। उनका कहना है कि उन्हें अपना पक्ष रखने को कहा गया है, मैं अधिकारियों को अवगत करा दूँ कि मेरे द्वारा अब भी अपना पक्ष उन्ही पत्रों को देकर रखा जाएगा, जो उनके पास माह जुलाई में रखा गया है।

शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा का यह भी कहना है कि 2015 से विभाग द्वारा उनके साथ किए गए अन्याय की जाँच करवाने के संबंध में शिक्षा सचिव से लेकर शिक्षा निदेशक और शिक्षामंत्री को दिए जाने वाले प्रार्थना पत्रों की स्वीकृत की गई प्रति विभागीय अधिकारियों को सौंपी गई है, लेकिन उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला है।

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