उत्तराखंड

पर्यावरण संरक्षण – जखोली के मेहरवान बुटोला दिखा रहे राह

रुद्रप्रयाग। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के यात्री विश्राम गृह में केयर टेकर के पद पर तैनात मेहरबान सिंह बुटोला अपनी सेवा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी कार्य कर रहे हैं। पिछले कई वर्षों से वे पर्यावरण को लेकर चिंतित हैं और लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी पर्यावरण के प्रति कर्तव्यनिष्ठता को देखते हुए मंदिर समिति ने उन्हें सम्मानित करने का निर्णय लिया है।

विकाखण्ड जखोली के ग्राम बस्टा निवासी मेहरबान सिंह बुटोला वर्ष 1982 से सरकारी सेवा के साथ ही पर्यावरण संरक्षण को समर्पित हैं। विश्राम गृह की निष्प्रयोज्य सामग्री टूटी बाल्टियां, टब, मग, टंकियों में मिट्टी भरकर पचास से अधिक औषधीय पौधे तैयार कर अभी तक सैकड़ों लोगों को निःशुल्क वितरित कर पर्यावरण संरक्षण की अलख जगा चुके हैं। बुटोला ने खराब हुई जैविक सामग्री से खाद तैयार की है। राम बांस, पॉलीथीन की रस्सियां, टोकरियां, कूड़ेदान, पर्स, चटाईयां, पायदान बनाये हैं। उनके लगाये जड़ी-बूटियों की लहलहाती पौध से मंदिर समिति विश्राम गृह की शोभा कई गुना बढ़ गयी है। यहां की हवा तरोताजा रहती है। बदरीनाथ एवं केदारनाथ जाने वाले आगंतुक यात्री मंदिर समिति विश्राम गृह में रुककर पर्यावरण प्रेमी बुटोला की नर्सरी का दीदार कर रहे हें और उनसे सीख ले रहे हैं।

बुटोला का कहना है कि जड़ी-बूटी उपजा कर एवं हस्त शिल्प से आज का युवा रोजगारपरक शिक्षा से आत्मनिर्भर हो सकता है। कई स्कूलों, कॉलेजों में उन्होंने जागरुकता अभियान चलाया है। बताया कि ऐलोबिरा, गिलोय, एलकोरिया, बच, सलपाड़ी, मालकंद, दूब, लोंग, नागरमोथा, पिपरमेंट, गन्ना, अन्नानास, बबूलथुनेर, हल्दी, हच, गुलाब, केला, राम बांस सहित कई औषधीय पौधे अपने संसाधनों से उगाये है।

key Words : Uttrakhand, Rudraprayag, Jakholi, Path shown, Environment Protection

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