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दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होगा प्लास्टएशिया 2017

देहरादून। प्लास्टिक मशीनरी मैनुफैक्चर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (पीएमएमएआई) के सहयोग में आयोजित ‘‘प्लास्टएशिया-2017’’ एक ऐसे मंच के रूप में गौरवान्वित है, जहां आप अपनी मशीनों और स्थानीय उत्पादों के अनुभावों के माध्यम से आने वाले मौकों का लाभ उठा सकते हैं और अपने बाजार का विस्तार कर सकते हैं।

पहली प्लास्टएशिया प्रदर्शनी 2004 में पैलेस ग्राउंड्स, बंगलुरू में आयोजित की गई थी और इसे हर 3 साल में एक बार बंगलुरू में आयोजित किया जाता है। प्लास्टएशिया की टाइमिंग को इस उद्योग से अधिकतम भागीदारी पाने का ध्यान रखते हुए नियोजित किया जाता है। अपने छठवें संस्करण में, प्लास्टएशिया-2017 दुनिया भर के विभिन्न भागों की सहभागिता से प्लास्टिक्स और पेट्रोकेमिकल्स के उत्पादन में प्रयुक्त नवीनतम तकनीक और मशीनों को प्रदर्शित करेगा।

प्लास्टएशिया 2017 के आयोजक और ट्रियून एक्जीबिटर्स प्रा.लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर, साइरिल परेरा ने बताया कि ‘छठा प्लास्टएशिया-2017 प्लास्टिक और रबर उद्योग में निरंतर तेजी के लिए सही समय पर आयोजित किया गया है। चूंकि पेट्रोकेमिकल्स उद्योग प्लास्टएशिया-2017 की प्रगतिशील अर्थव्यवस्था में एक बड़ा सहयोगी है, इसलिए यह कार्यक्रम इसके आगे की विविधताओं और प्रगति पर काफी जोर देगा साथ ही उन मौकों के बारे में भी बताएगा जो यह क्षेत्र प्रस्तुत कर सकता है। जर्मन इंडियन प्लास्टिक्स एंड पॉलीमर ईवी के वाइस प्रेसिडेंट गीनू जासेफ ने कहा कि यह कार्यक्रम भारतीय कंपनियों को वैश्विक बनने में मदद करेगा। 

पीएमएमएआई के चेयरमैन और ममता मशीनरी ग्रुप के सीएमडी महेन्द्र भाई पटेल ने कहा कि भारत में प्लास्टिक मशीनरी का उत्पादन 5000 करोड़ रुपए का उद्योग है। पीएमएमएआई प्लास्टिक संसाधन उद्योग के लिए आदर्श का निर्माण करने के लिए समावेशी और सहयोगी प्रस्ताव के माध्यम से गुणवत्ता, तकनीक, मूल्य प्रतियोगितात्मकता और संसाधन मानकों के संदर्भ में भारतीय प्लास्टिक मशीनों को विश्व स्तरीय बनाने के लिए निरंतर काम करता रहेगा।

यह कार्यक्रम व्यापारिक साझेदारियों और संपर्कों का विकास करने के लिए कार्यनीतिक सेटिंग देते हुए इस क्षेत्र में कार्पोरेट व सार्वजनिक क्षेत्रों की प्रमुख औद्योगिक कंपनियों और निर्णयकर्ताओं को आकर्षित करेगा। चीन, जापान, कोरिया, मलेशिया, रूस, सिंगापुर, वियतनाम, थाईलैंड और ताइवान से अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागी प्लास्टएशिया-2017 प्रदर्शनी के प्रमुख हाइलाइट्स होंगे।
देश में हैं 55 हजार प्लास्टिक संयंत्र :
वर्तमान में, भारत में 55,000 से ज्यादा प्लास्टिक संयंत्र हैं, जिनमें कंवर्टर ओर फैब्रिकेटर्स, माउल्ड और मशीन उत्पादक, कंपाउडर, और पेट्रोकेमिकल्स शामिल हैं, जिसमें कुल आउटपुट का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा एसएमई से आता है। बाकी का 60 प्रतिशत हिस्सा, यानि वैश्विक पहुंच की उत्पादन प्रणालियों और महत्वपूर्ण विदेशी निवेश वाली बड़ी आकार की कंपनियां घरेलू बाजार के साथ ही क्षेत्रीय विदेशी बाजारों की नियमित मांगों को भी पूरा करती हैं।

Key Words : Uttarakhand, Dehradun, Plastasia 2017, Pragati Maidan, Delhi

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