संस्कृति एवं संभ्यता

शैली खत में पारंपरिक तरीके से मनाया गया मौण मेला

साहिया। जौनसार बावर के शैली खत में मौण मेला पूरे धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर क्षेत्र के करीब 25 गांवों के ग्रामीण मेले में श्रद्धा भाव के साथ शामिल हुए और उन्होंने जमकर लुत्फ उठाया।

रविवार को पारंपरिक संस्कृति के संरक्षण को लेकर आयोजित मोण मेले में क्षेत्र के ग्रामीण ढोल दमाऊ की थाप पर नाचते गाते शैली गाड पहुंचे। मेले के लिए नदी में बोद तालाब का निर्माण किया गया। जहां पर अचैड़ पुल से टिमरू पाउडर डाल कर खत के 100 से भी अधिक परिवारों ने पारंपरिक अंदाज में मछली पकड़कर अपनी परंपरा का निर्वहन किया। इससे पहले विधि विधान के साथ खत स्याणा हरदेव सिंह ने नदी में टिमरू डालकर विधिवत रूप से मेले की शुरूआत की। जिसके बाद मछलियों को पकड़नेे का सिलसिला शुरू हो गया। देर शाम तक मछलियों को पकड़ने की होड़ लगी रही।

मेले में नगऊ, माग्टी, छोटऊ, कुनावा, टगरी, हयौ, घिगऊ शिबऊ, कैतरी, मटियावा, दोहा, झुसौऊ, ककनोई, दोऊ, सिसोई, सवाई, मलऊ, बढोडा, बजऊ, टिपराड, क्यावा, खुना, डागुरा आदि गांवों के ग्रामीण शामिल हुए। ग्रामीण मुन्ना सिंह, गुलाब सिंह प्रताप सिंह श्याम सिंह नरेन्द्र सिंह आदि ने बताया कि मोण मेला जौनसार बावर की संस्कृति की पहचान है।

इस मौके पर महावीर सिंह, महानंद जोशी, सुरेंद्र जोशी, राजेंद्र सिंह, रविंद्र सिंह, नारायण सिंह, आनंद, विक्रम सिंह, अमर सिंह, संजीव चैहान, सूरत सिंह, बारू जोशी, जबर सिंह, रतराम, अशोक सिंह, नरेंद्र सिंह, महावीर सिंह, रणवीर सिंह, सीना सिंह, संतराम, जवाहर सिंह, स्वरूप सिंह आदि मौजूद रहे।

Key Words : Uttarakhand, Sahiya, Maurah Mela, Shelly Kath, Janasar bhawer

 

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