उत्तराखंड

मांगों पर कार्यवाही न होने पर आशा कार्यकत्रियों में रोष

देहरादून। आशा कार्यकत्रियों ने अपनी मांगों को बारिश के बीच लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने धरना स्थल पर बारिश में ही सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

शनिवार को उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन की अध्यक्ष शिवा दुबे के नेतृत्व में आशा कार्यकत्री अपनी मांगों को लेकर धरना स्थल पर एकत्रित हुई और मांगे न माने जाने पर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नोरबाजी की। उन्होंने कहा कि अन्य स्कीम वर्करों की भांति आशाओं को भी न्यूनतम मानदेय दिया जाना चाहिए, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही इस दिशा में नहीं की गई है। उन्होंने मांग उठाई कि बीते चार साल की पांच हजार रूपये प्रति वर्ष प्रोत्साहन राशि को एक मुश्त भुगतान अविलंब किया जाये।

कार्यकत्रियों ने आरोप लगया कि सरकार अभी तक उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रही है। पूर्व में मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री एवं स्वास्थ्य महानिदेशक को अवगत कराये जाने के बाद भी आज तक समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है जिससे उनमें रोष बना हुआ है। उन्होंने मांग की है कि आशा कार्यकत्र्रियों को बोनस का भुगतान तत्काल प्रभाव से किया जाये और 45वें श्रम सम्मेलन के फैसले के अनुसा आशा कार्यकत्र्रियों को कर्मकार घोषित किया और वर्तमान समय में बढ़ती हुई महंगाई को देखते उनके भत्तों में महंगाई के अनुरूप बढोत्तरी की जाये।

प्रर्दशन करने वालों में सुनीता चैहान, बीरा भंडारी, मंजु ठाकुर, नीरू जैन, हंसी देवी, बीना, शीतल, राधा देवी, मधु शर्मा, मधुबाला, सीमा देवी, प्रमिला, हेमलता, शिवदेई नैथानी, हेमलता, कलावती, कलावती चंदोला, अनिता अग्रवाल आदि शामिल रहे।

Key Words : Uttarakhand, Dehradun, Asha workers, Demands, Display

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