उत्तराखंड

यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लेने को डीएम रुद्रप्रयाग बने तीर्थयात्री !

रुद्रप्रयाग/डीबीएल संवाददाता। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने तीर्थयात्री बनकर केदार यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया और यात्रा के दौरान अव्यवस्था फैलाने वाले अधिकारियों के लिए सख्त कार्यवाही करते हुए निलंबन के आदेश दिये। डीएम घिल्डियाल की कार्यवाही के बाद यात्रा ड्यूटी में तैनात अधिकारी एवं कर्मचारियों में हडकंप मच गया है।

केदारनाथ यात्रा में तीर्थयात्रियों के साथ मारपीट, घोड़े-खच्चरों की मनमानी, हेली सेवा कंपनियों की ब्लेक टिकटिंग, यात्रा मार्ग में गंदगी की शिकायतें मिल रही थी। ऐसे में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने श्रद्धालु बनकर यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने मुंह में मास्क लगाकर एक श्रद्धालु की तरह यात्रा की। यात्रा के दौरान डीएम ने सोनप्रयाग पार्किंग का एक यात्री के रूप में गुप्त रूप से निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान सोनप्रयाग वाहन पार्किंग में देखा गया कि होमगार्ड के जवान द्वारा यात्री वाहनों की अनुचित ढंग से पार्किंग कराई जा रही है। तीर्थयात्री भी होमगार्ड के कार्य से खुश नहीं थे। ऐसे में जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से होमगार्ड जवान को हटाने के निर्देश दिये और उसके स्थान पर किसी कार्यकुशल पुलिस एवं होमगार्ड के जवान की तैनाती करने को कहा, जिससे पुलिस व्यवस्था सुचारू की जा सके और देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों में पुलिस प्रशासन की अच्छी छवि बनी रहे।

डीएम ने रात और दिन सीतापुर, सोनप्रयाग, गौरीकुण्ड एवं गौरीकुण्ड घोड़ा पड़ाव पर एक यात्री के रूप में निरीक्षण किया। सीतापुर, सोनप्रयाग, गौरीकुण्ड में साफ-सफाई व्यवस्था एवं सोनप्रयाग पार्किंग, तप्तकुण्ड एवं गौरीकुण्ड घोड़ा पड़ाव के शौचालयों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने देखा कि गौरीकुण्ड में दो शौचालयों में पानी की आपूर्ति न होने के कारण अत्यन्त गंदगी फैली हुई है, जिस कारण देश-विदेश से आये यात्रियों में यात्रा का प्रतिकूल संदेश जा रहा है। जिलाधिकारी ने प्रबन्धक सुलभ को गौरीकुण्ड में तैनात सफाई सुपरवाइजर को तत्काल प्रभाव से हटाने के साथ ही सुपरवाइजर के स्थान पर कार्यकुशल सुपरवाइजर की तैनाती करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही सुलभ इण्टरनेशनल के विरूद्ध ‘‘उत्तराखण्ड कूड़ा फंेकना एवं थूकना प्रतिषेध विधेयक-2016’’ के तहत पांच लाख का अर्थदण्ड अधिरोपित किया है एवं निर्देशित किया कि उक्त अर्थदण्ड तत्काल राजकोष में जमा करना सुनिश्चित किया जाय, अन्यथा इसे भू-राजस्व की भांति वसूल किया जायेगा। जिलाधिकारी ने रात्रि प्रवास गौरीकुण्ड घोड़ा पड़ाव में किया। गौरीकुण्ड घोड़ा पड़ाव में रात्रि एक बजे से केदारनाथ के लिए घोड़े-खच्चरों का संचालन शुरू हो जाता है। घोड़े-खच्चरों की व्यवस्था देखने पर स्पष्ट हुआ कि जवानों के अभाव में घोड़ा पड़ाव पर अत्यन्त अव्यवस्था फैली हुई है।

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